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24 October, 2023

यतो धर्मस्ततो जयः

यतो धर्मस्ततो जयः संस्कृत का एक श्लोक है जिसे महाभारत में कुल ग्यारह बार बोला गया है। जब अर्जुन अपने सामने अपने बंधुओं को देखकर निष्क्रिय हो गया था और अपने शस्त्र उठाने में संकोच कर रहा था तो उस समय श्रीकृष्ण ने यह श्लोक कहा और अर्जुन को समझाया कि "जहां धर्म है वहीं जीत है।"


"Victory is ensured for the side standing with Dharma, where Krishna is, there is victory."
"विजय सदा धर्म के पक्ष में रहती है, और जहां श्रीकृष्ण हैं, वहां धर्म है।"

यह भारत के सर्वोच्च न्यायालय का ध्येय वाक्य है।