मर्यादा पुरुषोत्तम
हमारे देश के लोग श्रीराम को ‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ कहते हैं। अर्थात वह मनुष्य जो मर्यादा बना सकता है। उन्होंने मानव मात्र के लिए मर्यादा पालन का जो आदर्श प्रस्तुत किया वह संसार के इतिहास में कहीं और नहीं मिल सकता।
- उन्होंने अपना पहला आदर्श आज्ञाकारी पुत्र के रूप में प्रस्तुत किया।
- दूसरा आदर्श उन्होंने एक आदर्श भाई का प्रस्तुत किया।
- तीसरा आदर्श उन्होंने आदर्श पति का प्रस्तुत किया।
सबसे बड़ी बात यह है कि वह एक आदर्श राजा थे। आज भी लोग रामराज्य की कामना करते हैं। राज्य तो था ही राजा के लिए किंतु श्रीराम ने राजा का जो आदर्श प्रस्तुत किया उसे आज तक कोई भुला नहीं सकता। आज समस्त संसार राम राज्य की कामना और अभिलाषा रखता है। महात्मा गांधी भी अपने देश में राम राज्य की स्थापना करना चाहते थे।
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